कोरोना के साथ, कोरोना के बाद विषयक राष्ट्रीय परिसंवाद कार्यक्रम आयोजित

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं संरचना फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान मेंउच्च शिक्षा- कोरोना के साथ, कोरोना के बादविषयक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली केसभागार में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं गणमान्य अतिथियों ने किया दीप प्रज्जवलित करके किया। मंगलाचरण से कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ हुआ। अतिथियों का स्वागत भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने किया। 


कार्यक्रम की भूमिका शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने रखते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय परिसंवाद में उपस्थित सभी विद्वतजन इस संवाद एवं परिचर्चा में सक्रिय सहभागिता करते हुए अपने बहुमूल्य परामर्श से अवश्य अवगत कराएं, जिससे इस परिसंवाद के दूरगामी एवं मूल्यवान परिणाम प्राप्त हो सकें। इसी क्रम में अतुल कोठारी ने आगे कहा कि कोरोना काल मेंदेश वासियों ने न्यू नार्मल में जीना सीख लिया है प्रारंभ में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा, कोरोना में उच्च शिक्षाजारी रखना एक बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन मात्र तीन महीने में 90 प्रतिशत शिक्षा ऑनलाइन हो गई।अब इस न्यू नार्मल को हम किस प्रकार देखेंगे यह तय करना होगा।

मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में धर्मेन्द्र प्रधान ने कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं ज्ञापित करते हुए उल्लेखित किया कि उच्च शिक्षा का ही परिणाम है कि भारत आज विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माणकर्ता देशों में से एक है। भारत सरकार ने आज के दिन तक 97 करोड़ से अधिक वैक्सीन देश के नागरिकों को लगा दिया है, जो देश की एक सामूहिक सफलता है। 

उच्च शिक्षा में कोरोना काल में आए परिवर्तनों के प्रति भारत सरकार संवेदनशील हे एवं उन्होने आह्वान किया कि देश के शिक्षाविद शिक्षा क्षेत्र में जरुरी बदलाव हेतु सुझाव भेंजे। जरुरी सुधारों के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। उद्घाटन सत्र में सम्मिलित हुए देश के कोने-कोने से आए शिक्षाविदों एवं केन्द्रिय शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार दशमेश एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला ने ज्ञापित किया।


राष्ट्रीय परिसंवाद के प्रथम सत्र की चर्चा कोरोना काल के पश्चात पाठ्यक्रम में सुधारविषय पर केन्द्रित रही। जिसकी प्रस्तावना प्रो. नागेश्वर राव ने रखी, उनके ही कुशल संचालन में इस ज्ञानोत्तेजक सत्र में प्रो. आर. पी. तिवारी (कुलपति,सीयूपी), प्रो. प्रमोद येवले (कुलपति,बीएएमयू) एवं प्रो. नीलिमा गुप्ता (कुलपति, एचएसजीएसयू) अपने विचार रखे।

द्वितीय सत्र की चर्चा आत्मनिर्भर भारत हेतु कौशल शिक्षा एवं उद्यमिता पर प्रो. उन्नत पंडित के संचालन में सम्पन्न हुई। इस सत्र में अभय जेरे, मुदित नारायणन एवं गणेशन कन्नीवरन ने प्रतिभाग किया। जिसमें कौशल शिक्षा के महत्व, आवश्यकता एवं भविष्य को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संदर्भ में रेखांकित किया।

राष्ट्रीय परिसंवाद के तृतीय सत्र में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु परीक्षा एवं मूल्यांकन में बदलाव तथा तकनीकी का प्रयोगपर बहुत ही सारगर्भित चर्चा हुई। इस चर्चा में पंकज मित्तल के संचालन में हिस्सा लिया प्रो. वी. के. मल्होत्रा, प्रो. एम. पी. पूनिया, प्रो. शिरीष कुलकर्णी एवं डॉ. एस. पी. सिंह ने।

राष्ट्रीय परिसंवाद के समापन सत्र में उपस्थित अतिथियों का स्वागत शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तिमिर त्रिपाठी ने किया। राष्ट्रीय परिसंवाद के विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री रामबहादुर राय ने कोराना काल में उच्च शिक्षा में आए बदलावों के विभिन्न आयामों पर एक व्यापक दृष्टि प्रस्तुत की। समापन उद्बोधन शिक्षा संस्कृति उत्थाम न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विद्वान अतिथियों एवं देश के कोने-कोने से आए शिक्षाविदों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। पूरे दिन के ऊर्जा से भरपूर सभी सत्रों में विद्वतजनों की सक्रिय भागीदारी से अनेक सुविचार ने जन्म लिया है जिससे अनेकानेक नवाचारों के मार्ग प्रशस्त होंगे। 

समापन सत्र के मुख्य अतिथि केन्द्रिय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय परिसंवाद से उत्पन्न हुए सभी प्रश्नों एवं सुझावों पर भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय पूरी गम्भीरता से विचार करेगा एवं अतुल कोठारी जी एवं रामबहादुर राय जी के देखरेख में उच्च शिक्षा के सुधार को प्रतिपादित करेगा। समापन सत्र में सम्मिलित सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद संरचना फ़ाउंडेशन के ट्रस्टी डॉ. रजनीश वाधवा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम् के गान से हुआ।  पर ुिसंवाद से  ने राय शित्रसे  दिन के

Sources: 

https://www.navodayatimes.in/news/khabre/government-of-india-is-sensitive-to-the-changes-in-higher-education-during-the-corona-period/184004/

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/organized-a-national-symposium-129033491.html

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